क्यूँ तेरा अक्स हर तरफ नज़र आता है?
मानो मेरा साया बन बैठा हो!
आख़िर मैं अंधेरे मे कब तक बैठूं?
कम से कम आईना तो देख लेने दे!!
क्यूँ तेरा अक्स हर तरफ नज़र आता है?
मानो मेरा साया बन बैठा हो!
आख़िर मैं अंधेरे मे कब तक बैठूं?
कम से कम आईना तो देख लेने दे!!